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फर्जी चालान मामले में कलावती कंस्ट्रक्शन के निदेशक को 3 साल सश्रम कारावास, ED कर रही थी फर्जीवाड़े की जांच 

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रांची 

सड़क निर्माण में फर्जी चालान पेश करने के मामले में कलावती कंस्ट्रक्शन के निदेशक को 3 साल की सश्रम कारावास की साज सुनाई गयी है। मामले की जांच ED कर रही थी। विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) कोर्ट ने सड़क निर्माण कार्य के दौरान सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोपी झारखंड के ठेकेदार को दोषी ठहराया है। आरोपी को 3 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है। इसकी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय यानी ने दी है। मिली खबरों के मुताबिक ED ने एक बयान में कहा कि ‘कलावती कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक विजय कुमार तिवारी को कोर्ट ने 3 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने ये आदेश 26 जून को दिया था।


एक लाख का जुर्माना भी लगाया 
ये भी बता दें कि विशेष पीएमएलए अदालत ने उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और 20 लाख रुपये से अधिक की उस धनराशि को जब्त करने का आदेश दिया, जिसे पहले ED ने ‘अपराध से अर्जित आय’ बताते हुए कुर्क किया था। बता दें कि धन शोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है। इसके तहत आरोपी और कंपनी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। मार्च, 2018 में जांच एजेंसी ED ने उसके खिलाफ अपना आरोप पत्र दाखिल किया था।


क्या कहा ED ने 

ED के बयान के मुताबिक जांच में पाया गया कि कलावती कंस्ट्रक्शन, गढ़वा को 1.32 करोड़ रुपये के अनुबंध मूल्य पर बालूमाथ-हरहरगंज-पनकी रोड की ‘विशेष मरम्मत’ करने का ठेका दिया गया था। ED ने कहा, “कंपनी और उसके निदेशक (तिवारी) ने 13 बिटुमेन चालान प्रस्तुत किए। इनमें से 55.41 लाख रुपये मूल्य के 224.25 मीट्रिक टन बिटुमेन के 11 चालान नकली पाए गए।’’ ED के बयान के अनुसार इससे तिवारी को गलत तरीके से फायदा हुआ और झारखंड सरकार को आर्थिक नुकसना हुआ। 


 

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